केंद्रीय नौवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने 10 सितम्बर 2020 को नई दिल्ली में वर्चुअल समारोह के माध्यम से सरोद-पोर्ट्स (सोसाइटी फॉर अफोर्डेबल रिड्रेसल ऑफ डिस्प्यूट्स (विवादों के किफायती समाधान के लिए समिति) – पोर्ट्स) का शुभारंभ किया।
- सरोद – पोर्ट्स की स्थापना सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ की गई है:
- न्यायपूर्ण तरीके से विवादों का किफायती और समयबद्ध समाधान
- मध्यस्थों के रूप में तकनीकी विशेषज्ञों के पैनल के साथ विवाद समाधान तंत्र का संवर्धन।
- सरोद – पोर्ट्स (SAROD-Ports’ (Society for Affordable Redressal of Disputes – Ports) में इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन (आईपीए) और इंडियन प्राइवेट पोर्ट्स एंड टर्मिनल्स एसोसिएशन (आईपीटीटीए) के सदस्य शामिल हैं।
- सरोद – पोर्ट्स समुद्री क्षेत्र में मध्यस्थों के माध्यम से विवादों के निपटान में सलाह और सहायता प्रदान करेंगे, जिनमें प्रमुख बंदरगाह और निजी बंदरगाह, जेटी, टर्मिनल, गैर-प्रमुख बंदरगाह, पोर्ट और शिपिंग क्षेत्र शामिल हैं।
- यह प्राधिकरण और लाइसेंसधारी / रियायत प्राप्तकर्ता / ठेकेदार देने के बीच के विवादों को भी कवर करेगा और विभिन्न अनुबंधों के निष्पादन के दौरान लाइसेंसधारी / रियायत प्राप्तकर्ता और उनके ठेकेदारों के बीच होने वाले विवाद भी इसमें शामिल होंगे।