संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (International Year of Millets) घोषित करने के भारत द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुमोदन कर दिया है।
- इस प्रस्ताव का उद्देश्य बाजरे के फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 नाम के इस प्रस्ताव को भारत के साथ बांग्लादेश, केन्या, नेपाल, नाइजीरिया, रूस और सेनेगल ने समर्थन दिया जबकि 70 से अधिक देशों ने इसे सह-प्रायोजित किया।
- 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मनाए जाने से बाजरे की पैदावार के प्रति अधिक जागरूकता लाने में मदद मिलेगी। ग्राहकों, उत्पादनकर्ताओं और नीति निर्माताओं के समक्ष बाजरे के पोषक तत्वों तथा पारिस्थितिकीय फायदों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पैदावार क्षमताओं, अनुसंधान और विकास संबंधी निवेशों में सुधार लाने की तत्काल जरूरत है।
- प्रस्ताव में बाजरे के पोषक तत्वों और जलवायु के प्रति लचीलेपन के बारे में जानकारी बढ़ाने के साथ-साथ बाजरे का उत्पादन तथा सेवन बढ़ाकर संतुलित और स्वस्थ आहार के बारे में जागरूकता लाने का प्रावधान है। इसमें बाजरे की व्यापक आनुवांशिक विविधता और अलग-अलग पर्यावरणी माहौल में पैदावार की क्षमता को बताया गया है।