नीति आयोग ने आरएमआई और आरएमआई इंडिया के सहयोग से 15 सितम्बर को उपभोक्ताओं और उद्योग के साथ मिलकर शून्य-प्रदूषण वाले डिलीवरी वाहनों को बढ़ावा देने वाली शून्य (Shoonya—) – पहल – की शुरुआत की।
- इस अभियान का उद्देश्य शहरी क्षेत्र में डिलीवरी के मामले में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाना और शून्य-प्रदूषण वाली डिलीवरी से होने वाले लाभों के बारे में उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करना है।
- ई-कॉमर्स कंपनियों, फ्लीट एग्रीगेटर्स, ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स (ओईएम) और लॉजिस्टिक्स कंपनियों जैसे उद्योग जगत के विभिन्न हितधारक फाइनल माइल डिलीवरी के विद्युतीकरण की दिशा में अपने प्रयासों में बढ़ोतरी कर रहे हैं।
- इस अभियान के हिस्से के रूप में, फाइनल माइल की डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने की दिशा में उद्योग जगत के प्रयासों को मान्यता प्रदान करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए कॉर्पोरेट ब्रांडिंग और प्रमाणन संबंधी एक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। एक ऑनलाइन ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म, इलेक्ट्रिक वाहनों के संदर्भ में विद्युतीकृत किलोमीटर, कार्बन संबंधी बचत, मानक प्रदूषक संबंधी बचत और स्वच्छ डिलीवरी वाहनों से होने वाले अन्य लाभों से जुड़े आंकड़ों के माध्यम से इस अभियान के प्रभावों को साझा करेगा।
- इस अभियान के प्राथमिक उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, “हम शून्य अभियान के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी, पर्यावरण संबंधी और आर्थिक लाभों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देंगे। मैं ई-कॉमर्स कंपनियों, ऑटो निर्माताओं और लॉजिस्टिक्स फ्लीट ऑपरेटरों से आग्रह करूंगा कि वे शहरी क्षेत्र में माल ढुलाई के क्रम में प्रदूषण को खत्म करने के अवसर को पहचानें। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा गतिशील निजी क्षेत्र शून्य अभियान को व्यापक रूप से सफल बनाने की चुनौती को स्वीकार करेगा।”
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