केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विशेष इस्पात (specialty steel) के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी। इस योजना की अवधि वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक पांच वर्षों की होगी।
6322 करोड़ रूपए के बजटीय परिव्यय के साथ इस योजना से करीब 40,000 करोड़ रूपए का निवेश होने और विशेष इस्पात के लिए 25 मिलियन टन क्षमता का संवर्धन होने की उम्मीद है।
इस योजना से करीब 5,25000 लोगों को रोजगार मिलेगा जिसमें से 68,000 प्रत्यक्ष रोजगार होगा।
विशेष इस्पात को लक्ष्य सेग्मेंट के रूप में चुना गया है क्योंकि वर्ष 2020-21 में 102 मिलियन टन इस्पात के उत्पादन में से देश में मूल्य-वर्धित इस्पात/विशेष इस्पात के केवल 18 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था।
इसके अलावा, उसी वर्ष 6.7 मिलियन टन के आयात में से, करीब 4 मिलियन टन आयात विशेष इस्पात का ही था, जिसके परिणामस्वरूप करीब 30,000 करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा का व्यय हुआ।
विशेष इस्पात के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर, भारत इस्पात की मूल्य श्रृंखला मे उन्नति करेगाऔर कोरिया और जापान जैसे उन्नत इस्पात विनिर्माणकारी देशों के समकक्ष आएगा।
विशेष इस्पात की पांच श्रेणियां जिनको पीएलाई योजना में चुना गया है, निम्नलिखित हैं:
- कोटेड/प्लेटेड इस्पात उत्पाद
- हाई स्ट्रेंथ/ वियररेजिस्टेंटस्टील
- स्पेशियलटी रेल
- अलॉय स्टील उत्पाद और स्टील वॉयर
- इलेक्ट्रिकल स्टील
विशेष इस्पात (specialty steel) मूल्यवर्धित इस्पात है जिसमें सामान्य तैयार इस्पात को उच्च मूल्यवर्धित इस्पात में परिवर्तित करने के लिए उसपर कोटिंग, प्लेटिंग, हीटट्रीटमेंट के जरिये प्रभाव डाला जाता है।जिसका प्रयोग ऑटोमोबाइल क्षेत्र, विशेषीकृत कैपिटल गुड्स इत्यादि के अलावा विभिन्न रणनीतिक अनुप्रयोगों जैसे कि रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा में किया जा सकता है।