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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 24 जून 2020 को वार्षिक टीबी रिपोर्ट 2020 जारी की।
रिपोर्ट में सूचीबद्ध प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
- वर्ष 2019 में लगभग 24.04 लाख टीबी रोगियों को अधिसूचित किया गया है। वर्ष 2018 की तुलना में टीबी अधिसूचना में यह 14% की वृद्धि है।
- निक्षय प्रणाली के माध्यम से टीबी रोगियों की ऑन-लाइन सूचना प्राप्त हुई।
- 2017 में 10 लाख से अधिक के मुकाबले लापता मामलों की संख्या घटकर 2.9 लाख हो गई।
- 6.78 लाख टीबी रोगियों के साथ निजी क्षेत्र की अधिसूचनाओं में 35% की वृद्धि हुई।
- आण्विक निदान की आसान उपलब्धता के कारण 2018 में 6% की तुलना में 2019 में टीबी के निदान वाले बच्चों का अनुपात बढ़कर 8% हो गया।
- सभी अधिसूचित टीबी रोगियों की एचआईवी जांच का प्रावधान 2018 में 67% से बढ़कर 2019 में 81% हो गया।
- उपचार सेवाओं के विस्तार से अधिसूचित रोगियों की उपचार सफलता दर में 12% सुधार हुआ है। 2018 में 69% की तुलना में 2019 के लिए यह दर 81% है।
- 4.5 लाख से अधिक डॉट सेंटर देश भर के लगभग हर गाँव में उपचार प्रदान करते हैं।
निक्षय (NIKSHAY) ने कार्यक्रम के चार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी)योजनाओं के प्रावधान का भी विस्तार किया –
- टीबी के मरीजों को निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई)
- उपचार समर्थकों को प्रोत्साहन
- निजी प्रदाताओं के लिए प्रोत्साहन और,
- अधिसूचित जनजातीय क्षेत्रों में टीबी रोगियों को परिवहन सुविधा
-भारत सरकार वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक देश में टीबी को खत्म करने के एसडीजी लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
– इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ तालमेल बिठाते हुए कार्यक्रम का नाम संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी)से बदलकर राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी)कर दिया गया है।
गुजरात,आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
50 लाख से अधिक आबादी वाले बड़े राज्यों की श्रेणी में गुजरात,आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों के रूप में सम्मानित किया गया।
50 लाख से कम आबादी वाले छोटे राज्यों की श्रेणी मेंत्रिपुरा और नगालैंड को सम्मानित किया गया। केंद्र शासित प्रदेश की श्रेणी मेंदादरा एवं नगर हवेली, और दमन एवं दीव को सर्वश्रेष्ठ प्रदेश के रूप में चुना गया।