वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली ‘सिलम और इनफ्युजर’

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने वैश्विक उत्सर्जन आविष्कारों सीएएमएस-जीएलओबी वी2.1 के कार्यान्वयन में सुधार के द्वारा भारत के लिये वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली ‘सिस्टम फॉर इंटीग्रेटड मॉडलिंग ऑफ एटमॉसफेरिक कंपोजिशन’ (System for Integrated modelling of Atmospheric composition-SILAM: सिलम) को और अधिक बेहतर बनाया गया है।

इनफ्युजर

  • दस किमी के रिजोल्यूशन के लिये वैश्विक उत्सर्जन डेटासेट को लागू कर ऐसा किया गया है।
  • दिल्ली के लिए एक ‘इनवायरन्मेंटल इनफॉरमेशन फ्यूजन सर्विस’ (ENFUSER: ENvironmental information FUsion SERvice: इनफ्युजर) शुरू किया गया है, ताकि अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले स्थानों (हॉटस्पॉट) और सड़कों की पहचान की जा सके।
  • सिलम और इनफ्युजर को फिनिश मेट्रोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (एफएमआई) के साथ तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है।
  • इनफ्युजर की विशेषता में मापन डेटा का अत्यधिक रिजोल्युशन वाला होना शामिल है, जैसे कि वायु गुण्वत्ता का अवलोकन, सड़क नेटवर्क, भवन, भूमि उपयोग सूचना, अत्यधिक रिजोल्युशन वाली अंतरिक्ष से ली गई तस्वीरें, जमीन की ऊंचाई और आबादी के आंकड़ों का विस्तृत विवरण शामिल है। इनफ्युजर मूल रूप से आईएमडी द्वारा संचालित होने वाले क्षेत्रीय सिलम पहुंच बिंदु को टैप करता है। इनफ्युजर के परिणामों का मूल्यांकन उपग्रह से ली गई तस्वीरों और टिप्पणियों के लिए किया जा रहा है। मॉडल ने दिल्ली के हॉटस्पॉट क्षेत्रों की अच्छी तरह से पहचान की है।
  • सिलम मॉडल को भारतीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मान्यता मिल रही है।

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