केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 5 फरवरी, 2020 को लोकसभा में विवाद से विश्वास विधेयक 2020’ पेश किया जिसका उद्देश्य 9.32 लाख करोड़ रुपये के विवादित प्रत्यक्ष कर मामलों का निपटान करना है।
तथ्य
- विधेयक का उद्देश्य प्रत्यक्ष कर संबंधी विवादों को तेजी से हल करना है।
- विवद से विश्वास योजना के तहत, एक करदाता को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करना होगा और ब्याज और जुर्माना देने से पूरी छूट मिलेगी, बशर्ते वह 31 मार्च, 2020 तक भुगतान करे।
- जो लोग 31 मार्च, 2020 के बाद इस योजना का लाभ उठाते हैं, उन्हें कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा।
- 1 फरवरी, 2020 को अपने बजट भाषण में, वित्त मंत्री ने कहा था कि “अतीत में हमारी सरकार ने कर मुकदमों को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं।
- 2019-20 के बजट में, अप्रत्यक्ष करों में मुकदमेबाजी को कम करने के लिए “सबका विकास योजना” लाई गई थी। इसके परिणामस्वरूप 1,89,000 से अधिक मामलों का निपटारा हुआ।
- अब 2020-21 के बजट में विवद से विश्वास योजना का प्रस्ताव किया गया है, जो प्रत्यक्ष कर से संबंधित विवादों को समाप्त करना है ।
विवाद और विरोध
- शशि थरूर: विधेयक एक ईमानदार कर दाता को बेईमान कर दाता के समान व्यवहार की वकालत करता है और समानता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है।
- अधीर रंजन चौधरी: विवाद से विश्वास विधेयक 2020, हिंदी और अंग्रेजी भाषा का उपयोग करके संसदीय परंपरा का उल्लंघन करता है।