केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह 22 नवंबर 2021को तामेंगलोंग जिले के लुआंगकाओ गांव में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सिटी कन्वेंशन सेंटर, इम्फाल पूर्व में रानी गैदिनलिउ आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की स्थापना के लिए आधारशिला रखा ।
- मंत्रिमंडल ने तामेंगलोंग जिले के लुआंगकाओ गांव में संग्रहालय स्थापित करने का निर्णय लिया था, जो कि प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रानी गैडिनल्यू का जन्मस्थान है और संग्रहालय का नाम रानी गैदिन्लिउ आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय रखने का निर्णय लिया।
- रानी गैदिनलिउ का जन्म 26 जनवरी, 1915 को मणिपुर राज्य के तामेंगलोंग जिले के ताओसेम उप-मंडल के लुआंगकाओ गांव में हुआ था। 13 साल की उम्र में वह जादोनांग से जुड़ी हुई थीं और उनके सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आंदोलन में उनकी लेफ्टिनेंट बन गईं। 1926 या 1927 के आसपास जादोनांग के साथ उनके चार साल के जुड़ाव ने उन्हें अंग्रेजों के खिलाफ सेनानी बनने के लिए तैयार किया।
- जादोनांग को फांसी दिए जाने के बाद गैदिनलिउ ने आंदोलन का नेतृत्व संभाला। जादोनांग की शहादत के बाद गैडिंल्यू ने अंग्रेजों के खिलाफ एक गंभीर विद्रोह शुरू किया, जिसके लिए उन्हें 14 साल के लिए अंग्रेजों ने जेल में डाल दिया और आखिरकार 1947 में रिहा कर दिया गया।
- अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में उनकी भूमिका को स्वीकार करते हुए, उन्हें “रानी” कहा जाने लगा। भारत को आजादी मिलने के बाद उन्हें तुरा जेल से रिहा किया गया था। 17 फरवरी, 1993 को रानी गैदिन्लिउ का उनके पैतृक गांव लुआंगकाओ में निधन हो गया।