देश में एनीमिया की समस्या से निपटने और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए, केंद्र ने चावल मिल मालिकों के बीच जागरूकता पैदा करके तथा उनको प्रोत्साहन देकर चावल के फोर्टिफिकेशन की क्षमता 15,000 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3.5 लाख मीट्रिक टन करने के कार्य को गति दी है।
- भारतीय खाद्य निगम के साथ खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने अप्रैल 2021 से आईसीडीएस/एमडीएम के तहत फोर्टिफाइड चावल वितरित करने की योजना बनाई है।
- भारतीय खाद्य निगम ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आईसीडीएस/एमडीएम के तहत वितरण के लिए अब तक पूरे देश में लगभग 6.07 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल (एफसीआई और डीसीपी) की खरीद की है।
- चावल मिल मालिकों के बीच प्रोत्साहन और जागरूकता को बढ़ा करके चावल के फोर्टिफिकेशन की क्षमता में वृद्धि करके इसे 15,000 मीट्रिक टन से 3.5 लाख मीट्रिक टन करने के लिए तेजी लाई जा रही है।
- चावल के फोर्टिफिकेशन की वृद्धि संबंधी लागत 0.73 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गई है, जिसमें एफआरके खरीद और परिवहन, परिचालन लागत, मूल्य में कमी, कुल निवेश पर वार्षिक ब्याज लागत, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, गुणवत्ता नियंत्रण (प्रयोगशाला परीक्षण व संग्रह शुल्क आदि) जैसे घटक शामिल हैं।
- वर्तमान में 6 राज्यों में “सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल के फोर्टिफिकेशन और इसके वितरण” पर केंद्र द्वारा प्रायोजित प्रायोगिक परियोजना के तहत आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश ने पायलट योजना के तहत फोर्टिफाइड चावल का वितरण करना शुरू कर दिया है।