दशकों पुरानी संस्था भारतीय चिकित्सा परिषद (Medical Council of India) को खत्म कर दिया गया है और उसकी जगह 25 सितम्बर 2020 से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission : NMC) ने ले लिया है।
- एनएमसी के साथ-साथ स्नातक और परास्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्डों, चिकित्सा आकलन और मानक बोर्ड, और नैतिक एवं चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड का गठन किया गया है, जो एनएमसी को दिन प्रतिदिन के कम काज में मदद करेंगे।
- साथ ही 4 स्वायत्त बोर्डों का गठन भी किया गया है।
- एम्स में ईएनटी विभाग में प्रोफेसर डॉ. एस. पी. शर्मा (सेवानिवृत्त) को 3 वर्षों की अवधि के लिए अध्यक्ष के पद पर चुना गया है।
- एनएमसी के अध्यक्ष के अलावा 10 अन्य अधिकारी सदस्य होंगेजिनमें चारों स्वायत्त बोर्डों के अध्यक्ष शामिल हैं जिन पर पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. जगत राम, टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉ. राजेंद्र बादवे और गोरखपुर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर को नियुक्त किया गया है।
- एनएमसी में 10 नामित सदस्य होंगे जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विश्वविद्यालयों के उपकुलपति स्तर के होंगे। 9 मनोनीत सदस्य राज्य शिक्षा परिषदों से होंगे और विविध सेवा क्षेत्रों से जुड़े तीन विशेषज्ञ सदस्य होंगे।
- उल्लेखनीय है कि अगस्त 2019 में संसद ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम 2019 को पारित किया था।
- 25 सितंबर 2020 से एनएमसी अधिनियम के प्रभावी होने के साथ ही भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 को खत्म कर दिया गया है और भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा नियुक्त किए गए शासक मंडल को भी तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया है।
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