संस्कृति मंत्रालय का राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय रामकिंकर बैज की 115वीं जयंती मनाने के लिए ‘रामकिंकर बैज | मूक बदलाव और अभिव्यक्तियों के माध्यम से यात्रा’ के शीर्षक से 26 मई 2020 को आभासी यात्रा (वर्चुअल टूर) का आयोजन करेगा।
इस आभासी यात्रा के दौरान एनजीएमए के आरक्षित संग्रह से रामकिंकर बैज की उन उत्कृष्ट कलाकृतियों को दर्शाया जाएगा जिन्हें इन पांच अलग-अलग थीम की श्रृंखला में वर्गीकृत किया गया है – (i) चित्र (पोर्ट्रेट), (ii) जीवन का अध्ययन, (iii) सार एवं संरचनात्मक रचना, (iv) प्रकृति का अध्ययन एवं परिदृश्य, और (v) मूर्तियां।
- आधुनिक भारत के सबसे मौलिक कलाकारों में से एक रामकिंकर बैज एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार, चित्रकार और ग्राफिक कलाकार थे।
- रामकिंकर बैज (1906-1980) का जन्म पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक ऐसे परिवार में हुआ था, जिसकी आर्थिक एवं सामाजिक हैसियत थोड़ी कमजोर थी, लेकिन वह अपने दृढ़संकल्प के बल पर भारतीय कला के सबसे प्रतिष्ठित प्रारंभिक आधुनिकतावादियों में स्वयं को शुमार करने में कामयाब रहे थे।
- वर्ष 1970 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय कला में उनके अमूल्य योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। वर्ष 1976 में उन्हें ललित कला अकादमी का फेलो बनाया गया।
- कोलकाता में कुछ समय तक बीमार रहने के बाद रामकिंकर ने 2 अगस्त, 1980 को अंतिम सांस ली।
CLICK HERE DAILY CURRENT AFFAIRS MULTIPLE CHOICE QUESTIONS HINDI