रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 28 सितंबर, 2020 को नई दिल्ली में रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (Defence Acquisition Procedure: DAP) – 2020 का अनावरण किया।
- नयी डीएपी अगस्त 2019 में श्री अपूर्वा चंद्रा की अध्यक्षता में गठित मुख्य समीक्षा समिति पर आधारित है।
- अंतर-सरकारी समझौतों (आईजीए) में ऑफसेट क्लॉज़ (offset clause) की आवश्यकता को हटा दिया गया है। ऑफसेट क्लॉज के तहत, विदेशी कंपनियों को भारत में अपने सौदा मूल्य का कुछ हिस्सा निवेश करने की आवश्यकता होती है और इसका मतलब घरेलू रक्षा विनिर्माण में सुधार करना है।सरकार के अनुसार, किसी भी ऑफसेट ने प्रौद्योगिकी को स्थानांतरित नहीं किया है और उनमें से कई को उत्पाद की खरीद के साथ करना पड़ा है।
- प्रारंभिक पूंजीगत व्यय को स्थान देने के लिए मौजूदा ‘खरीदें’ और ‘मेक’ श्रेणियों के अलावा सैन्य उपकरणों को पट्टे (leasing) पर देने के लिए एक नई श्रेणी भी पेश की है।
- घरेलू रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित आयुध और रक्षा हार्डवेयर में कम से कम 50% स्वदेशी सामग्री होनी चाहिए। यह 2016 में उल्लिखित प्रक्रियाओं में 40% से अधिक है।
- यदि भारत में एक रक्षा मंच (Defence platform) का निर्माण किया जाता है, तो इसमें 60% भारतीय सामग्री होनी चाहिए।
- पहली रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी)वर्ष 2002 में लागू की गई थी और तब से बढ़ते घरेलू उद्योग को प्रोत्साहन देने और रक्षा विनिर्माण में आत्म-निर्भरता हासिल करने के लिए इसे समय-समय पर संशोधित किया जाता रहा है।
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