राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति (SC-NBWL) ने 05 जनवरी 2021 को आयोजित अपनी 60वीं बैठक में देश में मानव-वन्यजीव संघर्ष (Human-Animal conflict) के प्रबंधन हेतु परामर्श को मंजूरी दे दी है।
- परामर्श में वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 के खण्ड 11 (1) (बी) के अनुसार, संकटग्रस्त वन्य जीवों से निपटने में ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने की परिकल्पना की गई है।
- मानव और वन्यजीव संघर्ष के कारण फसलों के नुकसान के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्षतिपूर्ति और वन्य क्षेत्रों के भीतर चारे और पानी के स्रोतों को बढ़ाना जैसे कुछ महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं।
- इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि संघर्ष की स्थिति में पीड़ित परिवार को अंतरिम राहत के रूप में अनुग्रह राशि के एक हिस्से का भुगतान 24 घंटे की भीतर किया जाये।
- परामर्श में स्थानीय/राज्य स्तर पर अंतर-विभागीय समितियों को निर्धारित करने, पूर्व चेतावनी प्रणालियों को अपनाने, अवरोधों के निर्माण, 24X7 आधार पर संचालित होने वाले निःशुल्क हॉटलाइन नंबरों के साथ समर्पित क्षेत्रीय नियंत्रण कक्ष,हॉटस्पॉट की पहचान और उन्नत स्टाल-फ़ेड फ़ार्म पशु आदि के लिए विशेष योजनाओं को बनाने और उनके कार्यान्वयन को अपनाने की अवधारणा भी की गई हैं।
कैराकल बिल्ली
- 60वीं बैठक में राजस्थान और गुजरात के कुछ क्षेत्रों में पाई जाने वाली एक मध्यम आकार की जंगली बिल्ली कैराकल को केंद्र प्रायोजित योजना वन्यजीव निवास स्थलों का विकास (recovery programme for critically endangered species) के तहत वित्तीय सहायता के साथ संरक्षण के प्रयासों के अंतर्गत लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में जोड़ने को मंजूरी दी है।
- अब, महत्वपूर्ण रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों की पुनः वृद्धि के कार्यक्रम के तहत 22 वन्यजीव प्रजातियां हैं।