भारत विगत कई दशकों में सर्वाधिक टिड्डी हमलों (locust invasions) का सामना कर रहा है। 27 मई, 2020 तक यह गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में फैला चुका था।
वर्ष 1964 से 1997 के बीच टिड्डियों के 13 हमले जिसे लोकस्ट प्लेग (locust plagues) भी कहा जाता है, झेल चुका है। 1997 से 2010 के बीच ऐसे पांच हमले हुये जिन्हें नियंत्रित कर लिया गया।
जोधपुर स्थित लोकस्ट चेतावनी संगठन (Locust Warning Organization: LWO) के मुताबिक वर्ष 2010 से 2018 के बीच टिड्डियों का कोई बड़ा हमला दर्ज नहीं किया गया। परंतु वर्ष 2019 में गुजरात एवं राजस्थान डेजर्ट लोकस्ट का जबर्दस्त हमला हुआ था। वर्ष 1993 के पश्चात यह सबसे बड़ा हमला था। इसकी वजह मजबूत मानसनू को बताया गया। साथ ही कीट नियंत्रण प्रयास भी कम हुये थे।
इंडियन ओशन डायपोल से संबंध
जैसा कि ऊपर कहा गया कि मजबूत मानसून होने की वजह से टिड्डियों के हमले में बढ़ोतरी हुयी है। दरअसल पश्चिमी हिंद महासागर एवं पूर्वी हिंद महासागर के तापमान में अंतर की परिघटना को इंडियन ओशन डायपोल (Indian Ocean Dipole) कहा जाता है। इसका असर भारत एवं पश्चिमी एशिया में वर्षा पर पड़ता है।
पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में पश्चिमी हिंद महासागर के अधिक गर्म होने को ‘सकारात्मक’ डायपोल की संज्ञा दी जाती है। अधिक सकारात्मक मजबूत इंडियन ओशन डायपोल का मतलब है अधिक मानसूनी वर्षा।
वर्ष 2019 में भारी वर्षा की वजह से हॉर्न आफ अफ्रीका कहे जाने वाले इरिट्रिया, सोमालिया एवं केन्या शुष्क रेत भी नम हो गये जो टिड्डियों के प्रजनन के अनुकूल साबित हुआ और इनके झुंड बनने आरंभ हो गये। अनुकूल पवन ने भी इन्हें ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं भारत में प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया।
भारत में सामान्य लोकस्ट मौसम जून से नवंबर के बीच होता है।
लोकस्ट पर नियंत्रण के लिए कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है।
भारत में टिड्डियों की प्रजातियां
भारत में मई-जून 2020 में टिड्डियों के विशाल दल ने राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश व महराष्ट्र में हमले बाले जिससे बड़ी मात्र में फसल बर्बाद हो गये।
उल्लेखनीय है कि लोकस्ट यानी टिड्डे (ग्रासहॉपर्स) आहार की तलाश में समूह में उड़ते हैं।
भारत में पायी जाने वाली आम लोकस्ट प्रजातियां हैंः माइग्रेट्री लोकस्ट (लोकस्टा माइग्रेटोरिया), डेजर्ट लोकस्ट (शिस्टोसेरका ग्रिगारिया), बॉम्बे लोकस्ट (नोमैडक्रिस सुकिंक्टा) एवं ट्री लोकस्ट (एनाक्रिडियम एसपी-)।
इनमें डेजर्ट लोकस्ट भारत में सर्वाधिक संख्या में पायी जाती है।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने इन्हें सर्वाधिक खतरनाक माना है। डेजर्ट लोकस्ट (शिस्टोसेरका ग्रिगारिया) ने ही उत्तर-पश्चिम भारत में फसलों पर हमले किये और बर्बाद किया।
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