COP 21 में, अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के हिस्से के रूप में, भारत ने 2030 तक अपनी संस्थापित बिजली क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
- देश ने नवंबर 2021 में ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिया है। देश की संस्थापित अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षमता आज 150.05 गीगावॉट है, जबकि इसकी परमाणु ऊर्जा आधारित संस्थापित बिजली क्षमता 6.78 गीगावॉट है।
- इससे कुल गैर-जीवाश्म आधारित संस्थापित ऊर्जा क्षमता 156.83 गीगावॉट हो जाती है,यह 390.8 गीगावॉट की कुल संस्थापित बिजली क्षमता का 40.1% है जो कि हाल ही में संपन्न COP 26 में प्रधान मंत्री की घोषणा के अनुरूप है।
- सरकार वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट की संस्थापित बिजली क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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