भारत के जीएसएलवी एमके III-डी2 से जीएसएटी-29 का सफल प्रक्षेपण

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 नवंबर, 2018 को सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी), श्रीहरिकोटा से भू-तुल्यकालिक उपग्रह जीसैट -29 (GSAT-29) संचार उपग्रह मार्क III (GSLV MkIII-D2) की दूसरी विकास उड़ान से लॉन्च किया।
  • जीएसएलवी एमकेआईआईआई-डी 2 ने सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से 3423 किग्रा के जीसैट -29 उपग्रह का प्रक्षेपण किया । लगभग 17 मिनट बाद, वाहन ने योजना के अनुसार भू-तुल्यकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित किया।
  • जीएसएलवी एमके III भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित एक तीन चरणों वाला भारी लिफ्ट लॉन्च वाहन है।
  • ठोस प्रणोदक के साथ दो बड़े बूस्टर पहले चरण का निर्माण करते हैं, तरल प्रोपेलेंट के साथ कोर दूसरे चरण में और क्रायोजेनिक इंजन अंतिम व तृतीय चरण में है।
  • जीसैट -29 एक मल्टीबैंड, बहु-बीमीय संचार उपग्रह है, जिसका उद्देश्य कई नई और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के लिए परीक्षण आधार के रूप में कार्य करना है।
  • इसके क्यू-बैंड और केए -बैंड पेलोड को विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और भारत के उत्तर-पूर्वी जैसे दूरदराज क्षेत्रों के उपयोगकर्ताओं की संचार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्मित किया गया है।
  • इसके अलावा, क्यू / वी-बैंड संचार पेलोड ऑनबोर्ड का उद्देश्य भविष्य के उच्च थ्रूपुट उपग्रह प्रणाली प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना है।
  • जियो हाई रेज़ोल्यूशन कैमरा उच्च रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग करेगा। ऑप्टिकल कम्युनिकेशन पेलोड ऑप्टिकल संचार लिंक के माध्यम से बहुत उच्च दर पर डाटा ट्रांसमिशन का प्रदर्शन करेगा।
  • इसरो के अध्यक्ष डॉ के. शिवन के अनुसार, भारत ने भारतीय जमीन से सबसे भारी उपग्रह को सबसे भारी लॉन्चर से प्रक्षेपित किया ।
  • जीएसएलवी एमकेआईआईआई परिचालन की घोषणा करते हुए डॉ शिवन ने घोषणा की कि चंद्रयान -2 और गगनयान मिशन इस प्रक्षेपण यान से ही लॉन्च किए जाएंगे।
    बी. जयकुमार, जीएसएलवी मार्क III के मिशन निदेशक थे।
  • जीएसएलवी एमके III-डी 2 की सफलता भारी उपग्रहों को लॉन्च करने में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस उड़ान की सफलता भी जीएसएलवी मार्क III के प्रयोगात्मक चरण के समापन को दर्शाती है।
  • जीएसएलवी मार्क III का पहला सफल मिशन 2014 में एक प्रयोगात्मक उपनकक्षीय उड़ान था। इसके बाद, जीएसएलवी मार्क III-D1 ने जीसैट -19 लॉन्च किया, जो कि एक उच्च थ्रुपुट संचार उपग्रह है।
IMAGE Credit: ISRO

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