भारत की ऊर्जा नीति रिपोर्ट की समीक्षा लॉन्च

केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री , केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री, केन्द्रीय ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के कार्यकारी निदेशक ने 10 जनवरी 2020 को नई दिल्ली में संयुक्त रूप से भारत की ऊर्जा नीति रिपोर्ट की समीक्षा लॉन्च किया। यह समीक्षा रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) द्वारा तैयार की गई है।

  • प्रधानमंत्री के ऊर्जा विजन के महत्वपूर्ण घटक हैं – ऊर्जा तक पहुंच, ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा का दीर्घावधि प्रयोग और ऊर्जा सुरक्षा। ऊर्जा न्याय, ऊर्जा विजन के केन्द्र में है।
  • भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। भारत अपने ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के दौर में है।
  • भारत ने हाल के वर्षों में आधुनिक ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने की दिशा में काफी प्रगति की है। इसमें शामिल है – लोगों के लिए खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन, बिजली एवं किफायती, सुरक्षित और स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता। सभी के लिए ऊर्जा संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 7 (एसडीजी-7) है। इस दिशा में देश में हुई प्रगति को समीक्षा रिपोर्ट में उचित स्थान दिया गया है। रिपोर्ट में आने वाले दिनों की मुख्य चुनौतियों को भी स्पष्ट किया गया है।
  • उज्ज्वला योजना द्वारा सुदूर क्षेत्रों में भी स्वच्छ ईंधन उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
  • एलपीजी को प्रोत्साहन देने से संबंधित अपने अनुभव को हम अफ्रीका और एशिया के देशों के साथ साझा कर रहे हैं। हमें लंबी दूरी तय करनी है और हमें यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का क्रियान्वयन देश के सभी हिस्सों तक समान रूप से हो।
  • तेल और गैस ढांचागत संरचना के लिए 100 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना तैयार की गई है। गैस पाइपलाइन नेटवर्क देश के एक कोने को दूसरे कोने – पश्चिमी भारत के कच्छ से पूर्वी भारत के कोहिमा तक और उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक – से जोड़ेगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 देशों में 1656 किलोमीटर लंबी गैस पाइप लाइन बिछाई जाएगी। पूर्वोत्तर गैस ग्रिड परियोजना के तहत तैयार होने वाली इस गैस पाइप लाइन का अनुमानित लागत 9265 करोड़ रुपये है और सरकार ने पूंजीगत अनुदान/ संभावना अंतर कोष के रूप में लागत की 60 प्रतिशत धनराशि देने की मंजूरी दी है।
  • 400 से अधिक जिलों में सरकार सिटी गैस वितरण नेटवर्क का निर्माण करेगी। यह नेटवर्क भारत के 50 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को कवर करेगा और इस नेटवर्क से 72 प्रतिशत आबादी को स्वच्छ और किफायती गैस की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.
  • देश 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने और डीजल में 5 प्रतिशत बायो-डीजल मिश्रित करने का लक्ष्य हासिल कर लेगा। राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति में अपशिष्ट से संपत्ति निर्माण को विशेष महत्व दिया गया है। हमारा लक्ष्य कृषि अवशेषों एवं घरों से निकलने वाले अपशिष्टों से विभिन्न प्रकार के जैव ईंधन तैयार करना है।
  • आईईए ने उल्लेख किया है कि 2015 से 2018 के दौरान भारत के ऊर्जा क्षेत्र में किया गया निवेश दुनिया का दूसरा सबसे अधिक निवेश है। विश्व की जानी-मानी तेल व गैस कंपनियों जैसे – साउदी अरामको, एडीएनओसी, बीपी, शेल, टोटल, रोजनैफ्ट, एक्जॉन मोबिल की भारत में महत्वपूर्ण उपस्थिति है।

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