एनसीआईआरटी के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर बधिर बच्चों के लिए सभी तरह की शैक्षणिक सामग्री को उनके समझने योग्य प्रारूप जैसे- भारतीय सांकेतिक भाषा (Indian Sign Language) के रूप में उपलब्ध कराने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र-आईएसएलआरटीसी और एनसीईआरटी ने 6 अक्टूबर 2020 को समझौता-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता से सुनिश्चित होगा कि अब श्रवण बाधित बच्चे भी भारतीय सांकेतिक भाषा में शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच सकते हैं और यह श्रवण बाधित छात्रों, शिक्षकों, शिक्षक शिक्षकों के प्रशिक्षकों, माता-पिता और श्रवण बाधित समुदाय के लिए बहुत उपयोगी और अतिआवश्यक संसाधन होगा, जिससे देश में श्रवण बाधित बच्चों की शिक्षा पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
- इस एमओयू के बाद एनसीईआरटी की शैक्षिक पुस्तकें और सामग्रियां भारतीय सांकेतिक भाषा में उपलब्ध होंगी, जो पूरे भारत में एक जैसी है, जिसका अर्थ है कि भारत के सभी श्रवण बाधित छात्र, चाहे वे पूर्व से हों या पश्चिम या उत्तर या दक्षिण से, सभी एक ही भाषा यानी भारतीय सांकेतिक भाषा में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ेंगे।
- भारतीय सांकेतिक भाषा अनेकता में एकता को दर्शाती है, जिसकी व्याख्या हाथों से होती है और आंखों से समझा जाता है और यह हमारे देश के सभी श्रवण बाधित लोगों को आपस में जोड़ता है।