मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम पर बिम्सटेक सम्मेलन 14 फ़रवरी 2020 को नई दिल्ली में संपन्न हुआ।
इसने दो दिनों के व्यापक विचार-विमर्श के बाद भागीदार राष्ट्रों को अपने विचार साझा करने और इस क्षेत्र में मादक पदार्थों के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।
गोल्डन क्रीसेंट और गोल्डन ट्राइंगल
विश्व के दो प्रमुख अफीम उत्पादक क्षेत्र- गोल्डन क्रीसेंट और गोल्डन ट्राइंगल- की भौगोलिक निकटता के कारण बिम्सटेक के सभी भागीदार देशों के लिए स्थिति काफी जोखिमपूर्ण रहती है। भारत की स्थिति कहीं अधिक चिंताजनक है क्योंकि गोल्डन क्रीसेंट और गोल्डन ट्राइंगल के बीच स्थित हैं।
पिछले कुछ वर्षों से अफगानिस्तान में अफीम की बम्पर फसल होने के कारण सभी बिम्सटेक देशों में हेरोइन की आपूर्ति में वृद्धि हुई है। कुछ बिम्सटेक देशों में बड़ी तादाद में मेथमफेटामाइन विनिर्माण संयंत्रों का होना भी चिंता की बात है। इन संयंत्रों में बड़ी मात्रा में मेथमफेटामाइन का विनिर्माण होता है जिसकी तस्करी सभी बिम्सटेक देशों में की जाती है।
सम्मेलन के पहले दिन यानी 13.02.2020 को दो विषयगत सत्रों का आयोजन हुआ। पहला सत्र समुद्री मार्ग के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में बिम्सटेक देशों के अनुभवों को साझा करने पर केंद्रित था।
इस सम्मेलन में बिम्सटेक देशों में ड्रग कानून प्रवर्तन के संदर्भ में सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जानकारी मिली। सभी बिम्सटेक देशों ने सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।