वर्ष 2018 में भारत में बाघों की गणना ने विश्व के सबसे बड़े कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है ।
चार सालों में बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी के साथ ही ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन का कैमरा ट्रैप गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है। उल्लेखनीय है कि केवल 12 वर्षों में बाघों की संख्या दोगुनी हो गई।
देश में वर्ष 2018 में किए गए बाघों के सर्वे ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने अपने लक्ष्य से चार वर्ष पूर्व ही बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को पूरा कर लिया है।
बाघों की संख्या
वर्ष 2006 से 2018 तक बाघों की संख्या में 6% की वार्षिक वृद्धि दर देखी गई है। वर्ष 2006 की तो देश में बाघों की संख्या 1411 थी, वर्ष 2010 में बाघों की संख्या 1706 हुई , वहीं वर्ष 2014 में बाघों की संख्या बढ़कर 2226 हो गई और वर्ष 2018 में बाघों की संख्या बढ़कर 2967 पर पहुंच गई।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट के प्रशस्ति पत्र में लिखा गया है, की वर्ष 2018-19 में किए गए सर्वेक्षण की चौथी पुनरावृत्ति- संसाधन और डेटा दोनों के हिसाब से अब तक का सबसे व्यापक रहा है।
कैमरा ट्रैप को 41 विभिन्न साइटों में 26,838 स्थानों पर रखा गया था और 1 लाख 21 हजार 337 वर्ग किलोमीटर के प्रभावी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया। इस दौरान कुल मिलाकर कैमरों से 3 करोड़ 48 लाख 58 हजार 623 तस्वीरे कैद की गई। जिनमें 76,651 बाघों की, 51,777 तेंदुए की, शेष अन्य जीव-जंतुओं की तस्वीरें कैद थी।
देश में शावकों को छोड़कर बाघों की संख्या 2461 और कुल संख्या 2967 है । इन तस्वीरों में बाघों की पहचान स्ट्राइप-पैटर्न- रिकॉग्नाइज सॉफ्टवेयर के उपयोग से की गई।
कैमरा ट्रैप का उपयोग करने के साथ-साथ, 2018 “स्टेटस ऑफ़ टाइगर्स इन इंडिया” का मूल्यांकन व्यापक फुट सर्वेक्षण के माध्यम से भी किया गया जिसमें 5,22,996 किमी का सफर तय किया गया । यह अनुमान लगाया गया कि अध्ययन किए गए वन का कुल क्षेत्रफल 381,200 वर्ग किमी था । कुल मिलाकर 5 लाख 93 हजार 882 श्रम-दिवस आंकड़ों का संग्रह और समीक्षा करने में लगाया गया।