राज्यसभा ने 2 दिसंबर 2021 को ऐतिहासिक बांध सुरक्षा विधेयक (2019) (Dam Safety Bill (2019)) को पारित कर दिया, जिससे देश में बांध सुरक्षा अधिनियम को लागू करने का रास्ता तैयार हो गया है।
- केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस विधेयक को एक दिसंबर 2021 को राज्यसभा में पेश किया था। बांध सुरक्षा विधेयक (2019) को लोकसभा में 2 अगस्त 2019 को पारित किया गया था।
- बांध सुरक्षा विधेयक देश के सभी बड़े बांधों की निगरानी, निरीक्षण, परिचालन और रखरखाव संबंधी पर्याप्त सुविधा प्रदान करेगा, ताकि बांध के फेल होने की स्थिति में होने वाली आपदा को रोका जा सके। बांधों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक उपायों की दिशा में यह विधेयक केन्द्र और राज्य दोनों स्तरों पर एक संस्थागत तंत्र की व्यवस्था प्रदान करेगा।
- विधेयक के प्रावधान के अनुसार, एकसमान बांध सुरक्षा नीतियां, प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं को विकसित करने में मदद करने के लिए बांध सुरक्षा पर एक राष्ट्रीय समिति (एनसीडीएस) का गठन किया जाएगा।
- यह विधेयक बांध सुरक्षा नीतियां और मानकों के राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक नियामक संस्था के तौर पर राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) स्थापित करने की सुविधा भी प्रदान करता है।
- वहीं इस विधेयक में राज्यों के स्तर पर बांध सुरक्षा पर राज्य समिति (एससीडीएस) का गठन करने और राज्य बांध सुरक्षा संगठन स्थापित करने की व्यवस्था की गई है।
- चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, जहाँ बांधों की संख्या सबसे ज़्यादा है। हमारे देश में करीब 5,700 बड़े बांध हैं, जिनमें से करीब 80% बांध 25 वर्ष से भी ज़्यादा पुराने हैं।
- देश में करीब 227 ऐसे बांध हैं, जो 100 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं और आज भी कार्यरत हैं। वैसे तो भारत में बांध सुरक्षा का ट्रैक रिकॉर्ड विकसित देशों के समकक्ष रहा है, लेकिन कई ऐसे उदाहरण हैं, जब देश ने असमय बांध के फेल हो जाने और बांध के रखरखाव की दयनीय स्थिति जैसी समस्याओं का सामना किया है।
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