प्रोजेक्ट री-हैब की शुरुआत

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने देश में मानव-हाथी टकरावको कम करने के लिए “मधुमक्खी-बाड़” बनाने की एक अनूठी परियोजना “री-हैब” ( RE-HAB (Reducing Elephant – Human Attacks using Bees)) 15 मार्च 2021 को शुरू की।

  • प्रोजेक्ट री-हैब (मधुमक्खियों के माध्यम से हाथी-मानव हमलों को कम करने की परियोजना) का उद्देश्य शहद वाली मधुमक्खियों का उपयोग करके मानव बस्तियों में हाथियों के हमलों को विफल करना है और इस प्रकार से मनुष्य व हाथी दोनों के जीवन की हानि कोकम से कम करना है।
  • खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना द्वारा 15 मार्च, 2021 को कर्नाटक के कोडागु जिले के चेलूर गांव के आसपास चार स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया। ये सभी स्थान नागरहोल नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व के बाहरी इलाकों में स्थित हैं और मानव-हाथी टकरावको रोकने के लिए कार्यरत है।
  • री-हैब परियोजनाकी कुल लागत सिर्फ 15 लाख रुपये है।
  • प्रोजेक्ट री-हैब केवीआईसी के राष्ट्रीय शहद मिशन के तहत एक उप-मिशन है। चूंकि शहद मिशन मधुवाटिका स्थापित करके मधुमक्खियों की संख्या बढ़ाने, शहद उत्पादनऔर मधुमक्खी पालकों की आय बढ़ाने का एक कार्यक्रम है, तो प्रोजेक्ट री-हैब हाथियोंके हमले को रोकने के लिए मधुमक्खी के बक्से को बाड़ के रूप में उपयोग करता है।

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *