भारतीय जैव-जेट ईंधन प्रौद्योगिकी को औपचारिक सैन्य प्रमाणन प्राप्त

सीएसआईआर-आईआईपी (CSIR-IIP) देहरादून के जैव-जेट ईंधन के उत्पादन की घरेलू तकनीक को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सैन्य विमानों में उपयोग के लिये औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी गयी है।

  • वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक घटक प्रयोगशाला, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (सीएसआईआर-आईआईपी) द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी का पिछले तीन वर्षों में मूल्यांकन, जांच और परीक्षण किया गया है।
  • इससे पहले 26 जनवरी 2019 को, मिश्रित जैव-जेट ईंधन के साथ एक एएन-32 विमान गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान नई दिल्ली में राज पथ के ऊपर से उड़ा था।
  • इसके बाद, 30 जनवरी 2020 को भारतीय प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन और विश्वसनीयता का तब भी परीक्षण हुआ जब बेहद ऊंचे क्षेत्र में सर्दियों की कड़ी परिस्थितियों के बीच रूसी सैन्य विमान लेह हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतरा और वहां से सफलता पूर्वक उड़ान भरी। 27 अगस्त 2018 को देहरादून से दिल्ली के लिए स्पाइसजेट द्वारा संचालित एक नागरिक व्यवसायिक प्रदर्शन उड़ान में भी इस ईंधन का उपयोग किया गया था।
  • हरित ईंधन के साथ ये परीक्षण उड़ानें एक राष्ट्रीय उद्देश्य को पूरा करने के लिये भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमताओं एवं प्रतिबद्धता और भारतीय वायुसेना की सैन्यभावना को रेखांकित करती हैं।

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