आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 7 अक्टूबर, 2020 को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘प्राकृतिक गैस मार्केटिंग सुधारों (Natural Gas Marketing Reforms) को मंजूरी दे दी।
- इस स्कीम का उद्देश्य बाजार में बिकने वाला गैस के मूल्य का पता लगाने के लिए प्रक्रिया का मानकीकरण करना है।
- इस नीति का उद्देश्य पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया, गैस की बिक्री की बोली प्रक्रिया में सम्बद्ध गैस उत्पादकों को भाग लेने की अनुमति देने और उत्पादन साझा करने के ठेकों में पहले से ही मूल्य निर्धारित करने की आजादी देने वाली कुछ क्षेत्र विकास योजनाओं को विपणन की आजादी देकर गैस उत्पादकों द्वारा बाजार में बेची जाने वाली गैस के बाजार मूल्य का पता लगाने के लिए मानक कार्य पद्धति निर्धारित करना है।
- इस नीति का उद्देश्य ई-बोली के जरिये ठेकेदारों द्वारा की जाने वाली बिक्री के लिए दिशा-निर्देश जारी कर बाजार मूल्य का पता लगाने के लिए पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से प्राकृतिक गैस की बिक्री के लिए मानक कार्य पद्धति प्रदान करना है।
- इस नीति ने खुली, पारदर्शी और इलैक्ट्रॉनिक बोली को ध्यान में रखते हुए सम्बद्ध कम्पनियों (Affiliate companies) को बोली प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत दी है। इससे गैस की मार्केटिंग सरल हो जाएगी और प्रतिस्पर्धा को अधिक बढ़ावा मिलेगा।
- लेकिन यदि सम्बद्ध गैस उत्पादक ही इसमें भाग लेते हैं और कोई अन्य बोलीकर्ता नहीं होंगे तो दोबारा बोली लगानी होगी।
- यह नीति क्षेत्र विकास योजनाओं (एफडीपी) को उन ब्लॉकों की मार्केटिंग की आजादी देगी जहां उत्पादन साझा करने के ठेके पहले से ही मूल्य निर्धारित करने की आजादी प्रदान कर रहे हैं।
- ओपन एसरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (Open Acreage Licensing Policy: OALP) जो निवेशक चालित क्षेत्रफल नीलामी प्रक्रिया है, उसने देश में पर्याप्त क्षेत्रफल बढ़ाया है। 2010 और 2017 के बीच किसी ब्लॉक का आवंटन नहीं किया गया जिससे घरेलू उत्पादन की दीर्घकालिक व्यवहार्यता प्रभावित हुई। 2017 के बाद से 105 अन्वेषण ब्लॉकों के अंतर्गत 1.6 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र आवंटित किया गया है। इससे आने वाले समय में घरेलू उत्पादन की स्थिरता सुनिश्चित होगी।
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