प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जून 2020 को चैंपियन्स (CHAMPIONS) यानी क्रिएशन एंड हार्मोनियस एप्लीकेशन ऑफ मार्डन प्रोसेसेज फॉर इंक्रीजिंग द आउटपुट एंड नेशनल स्ट्रेंथ (Creation and Harmonious Application of Modern Processes for Increasing the Output and National Strength) नाम के पोर्टल को लॉन्च किया।
ये पोर्टल अपने नाम की तरह ही एमएसएमई की छोटी-छोटी इकाइयों की हर तरह से मदद कर उन्हें चैंपियन बनाएगा। चैंम्पियन्स पोर्टल को एमएसएमई का इन छोटी इकाइयों के लिए वन स्टॉप साल्यूशन माना जा रहा है।
चैंपियन्स देश का पहला ऐसा पोर्टल है जिसे भारत सरकार की मुख्य केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली यानी सीपी ग्राम्स से जोड़ा गया है। यानी अगर किसी ने सीपीग्राम्स पर शिकायत कर दी तो ये सीधे चैंपियन्स पोर्टल पर आ जाएगी। पहले ये शिकायत मंत्रालयों को भेजी जाती थी जिसे मंत्रालय के सिस्टम पर कापी किया जाता था। इससे शिकायतों को निपटाने की व्यवस्था तेज होगी।
इसके साथ ही चैंपियन्स पोर्टल आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग से लैस किया गया है। इससे कारोबारियों की शिकायत के बिना भी उनकी समस्या निपटाई जा सकेगी। उदाहरण के लिए अगर कोई एक बैंक कारोबारियों के लोन आवेदन को बार-बार रद कर रहा है या किसी एक क्षेत्र में एक ही तरह की समस्या ज्यादा हो रही है तो आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से ये समस्या चैंपियन्स पोर्टल पर दिखने लगेगी जिसे अधिकारी निपटा सकते हैं।
ये पोर्टल टेक्नोलॉजी पर आधारित मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम है। साथ ही ये पोर्टल सेक्टर की प्रशासनिक बाधाओं को दूर कर हर चुनौती को अवसर में बदलने का जरिया बन सकता है।
आपदा को अवसर बनाने का सबसे पहला उदाहरण इस पोर्टल का कंट्रोल रूम है। ये कंट्रोल रूम कार्यालय के एक ऐसे कमरे में बनाया गया है जो पहले गोदाम था। अब देश भर की एमएसएमई यूनिट्स की समस्या का समाधान होगा। इस प्रणाली को 9 दिन में बनाकर इसका ट्रायल शुरु भी कर दिया गया है।
चैंपियन्स पोर्टल के जरिए सेक्टर की कई तरह की समस्याओं की शिकायतों का निवारण किया जाएगा। कोरोना के दौरान पूंजी की कमी, श्रमशक्ति की किल्लत, जरुरी अनुमतियों जैसी समस्या निपटाई जा सकेगी। इसके साथ ही नए अवसर जैसे पीपीई किट बनाना, मास्क बनाना और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उसे सप्लाई करने में मदद की जाएगी। इसके साथ ही ये पोर्टल उन यूनिट्स की पहचान कर उनकी मदद करेगा जो आज जैसी विषम परिस्थितियों से निकल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चैंपियन बन सके।
पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बने चैंपियंस पोर्टल के कंट्रोल रूम का एक नेटवर्क हब एंड स्पोक मॉडल में बनाया गया है।यह हब नई दिल्ली में एमएसएमई सचिव के कार्यालय में स्थित है और राज्यों में मंत्रालय के विभिन्न कार्यालयों को इससे जोडा गया है। अब तक 66 राज्यों में स्थानीय स्तर के नियंत्रण कक्ष बनाए जा चुके हैं जिन्हें इस पोर्टल के सिस्टम से जोड़ दिया गया है।