प्रत्येक भूखंड के लिए विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने 16 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में ‘भूमि संवाद’ – डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।

  • इस अवसर पर मंत्री ने नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (National Generic Document Registration System: NGDRS) पोर्टल और डैशबोर्ड का भी शुभारंभ किया, जो पंजीकरण प्रणाली के लिए एक उन्नत सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है।
  • NGDRS एनआईसी द्वारा विकसित पंजीकरण प्रणाली के लिए एक इन-हाउस उन्नत सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है। यह पारदर्शिता, दस्तावेजों को निष्पादित करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही और पंजीकरण दस्तावेजों के निष्पादन के लिए आवश्यक लागत, समय और यात्राओं की संख्या और प्रक्रियाओं में कमी सुनिश्चित करता है।
  • यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) के महत्व के बारे में बात करते हुए श्री सिंह ने कहा कि यह एक प्रकार से भूखंड के आधार नंबर की तरह है।
  • ULPIN प्रत्येक भूमि पार्सल के लिए 14 अंकों का अल्फा-न्यूमेरिक अद्वितीय आईडी है जो ओपन जियोस्पेशियल कंसोर्टियम (ओजीसी) मानकों के अनुपालन पर आधारित है।
  • इस अनूठी प्रणाली में जहां पार्सल के भू-निर्देशांक के आधार पर एक अद्वितीय आईडी तैयार की जाती है और भूखंडों को सौंपी जाती है। इसे विभिन्न राज्यों/क्षेत्रों के बीच कम्प्यूटरीकृत डिजिटल भूमि रिकॉर्ड डेटा साझा करने और देश भर में भूमि पार्सल को एक यूनिक आईडी प्रदान करने की एक समान प्रणाली साझा करने के लिए पेश किया गया है।

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