पुणे के पास उरुली कंचन गांव में “निसर्ग उपचार” आश्रम में महात्मा गाँधी के 1946 के प्रसिद्ध प्राकृतिक उपचार अभियान की याद दिलाते हुए, राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (एनआईएन), पुणे के आगामी नए परिसर को “निसर्ग ग्राम” कहा जाएगा।
- बापू भवन में स्थित एनआईएन के वर्तमान परिसर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नया संस्थान भविष्य के लिए तैयार होगा, जिसमें परियोजना में और प्राकृतिक उपचार पाठ्यक्रमों के करिक्युलम में अपने आप में कई नयी चीजें और नवोन्मेष शामिल होंगे।
- एनआईएन, पुणे, आयुष मंत्रालय के तहत आने वाला एक स्वायत्त निकाय है और उसे एक विशिष्ट गांधीवादी विरासत मिली है। इसे उस प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान से आगे ले जाते हुए विकसित किया गया है जिसके संस्थापकों में महात्मा गांधी शामिल थे।
- संस्थान को ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन कहा जाता था और 1945 में गांधी जी के नेतृत्व में उसी परिसर में स्थापित किया गया था, जहां इस समय एनआईएन काम करता है। बाद में इसे केंद्र सरकार ने अपने अधीन ले लिया और इसे वर्तमान राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान का रूप दिया गया।