प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी, 2019 को आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) द्वारा 2021 में आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मूल्यांकन कार्यक्रम (पीसा-Programme for International Students Assessment: PISA) में भारत की भागीदारी के लिए ओईसीडी के साथ समझौते की वास्तविक स्वीकृति प्रदान की है। इस समझौते पर हस्ताक्षर 28 जनवरी 2019 को हुआ था।
- लाभ: पीसा में भागीदारी से जानकारी प्राप्त करके, स्कूल प्रणाली को योग्यता-आधारित परीक्षा में तब्दील करने में मदद मिलेगी और रट्टा मारकर सीखने की प्रथा से दूरी बनाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) इस प्रक्रिया और गतिविधियों में हिस्सा लेगा जो कि वास्तविक परीक्षण है।
पीसा
- पीसा ( Programme for International Students Assessment: PISA) एक योग्यता आधारित मूल्यांकन है जो सामग्री आधारित मूल्यांकन के विपरीत है, जिसके द्वारा छात्रों को आधुनिक समाज में पूर्ण भागीदारी के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण योग्यता हासिल करने में मदद मिलती है।
- यह भारतीय छात्रों की मान्यता और स्वीकार्यता को ओर आगे लेकर जाएगा और उन्हें 21 वीं सदी में, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करेगा।
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) इस प्रक्रिया और गतिविधियों में हिस्सा लेगा जो कि वास्तविक परीक्षण है। इसमें केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस), नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के स्कूल भाग लेंगे।
- पीसा में 80 से ज्यादा देशों ने हिस्सेदारी की है, जिनमें 44 मध्यम आय वाले देश हैं, जिनमें ब्राजील, चीन, थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।