केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में पश्चिम बंगाल, असम और पंजाब में सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force: BSF) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है।
- अक्टूबर 2021 में जारी अधिसूचना के द्वारा 2014 की अधिसूचना में संशोधन की गयी है और पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर भीतर तक बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार की गयी है।
- पहले इन राज्यों में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर तक सीमित था। गुजरात में बीएसएफ की अधिकार क्षेत्र की सीमा 80 किमी से घटाकर 50 किमी कर दी गई है।
- वर्ष 2014 में जारी अधिसूचना में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के सम्पूर्ण क्षेत्र में , गुजरात में सीमा से 80 किलोमीटर भीतर तक, राजस्थान में 50 किलोमीटर भीतर तक तथा पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में 15 किलोमीटर भीतर तक प्रदान किया गया था।
- बीएसएफ को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), पासपोर्ट अधिनियम और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम के तहत यह कार्रवाई करने का अधिकार मिला है। असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में बीएसएफ को राज्य पुलिस की तरह ही तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार मिला है।
- कई राज्यों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना की इस आधार पर आलोचना की है कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है, इसलिए बीएसएफ अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी राज्य सरकार की शक्तियों का उल्लंघन है।
- उल्लेखनीय है कि BSF एक्ट की अनुसूची के तहत प्रावधान किया गया है, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र उन 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों तक विस्तृत है, जिनकी पाकिस्तान या बांग्लादेश के साथ सीमा साझा होती है। इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख। इनमे बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र अलग-अलग राज्यों के अनुसार अलग-अलग हैं।
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