पश्चिम अफ्रीका के आठ देशों ने अपनी साझा मुद्रा का नाम बदल कर “इको” (ECO) करने का निर्णय किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की आइवरी कोस्ट यात्रा के दौरान यह घोषणा की गई। श्री मैक्रो ने इस निर्णय को एक ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इको मुद्रा 2020 से प्रचलन में आ जाएगी।
बेनिन, बुर्किना फासो, गिनी-बिसाउ, आईवरी कोस्ट, माली, नाईजर, सेनेगल और टोगो वर्तमान में इस मुद्रा का उपयोग करते रहे हैं। गिनी-बिसाउ को छोड़कर ये सभी देश फ्रांस के पूर्व उपनिवेश हैं।
वर्तमान में प्रचलित मुद्रा सीएफए फ्रैंक का फ्रांसीसी उपनिवेश काल से जुड़ाव खत्म करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। वस्तुतः मुद्रा का नामकरण सांकेतिक है क्योंकि सीएफए का मतलब है कॉलोनीज फ्रैंकाइसेस डीअफ्रीक यानी अफ्रीका में फ्रांसीसी उपनिवेश ( CFA: Colonies Françaises d’Afrique )।
1945 में शुरू की गई सीएफए फ्रैंक को इन देशों के आजाद होने के बाद भी पूर्व अफ्रीकी उपनिवेशों में फ्रांस के हस्तक्षेप के रूप में देखा जाता था।