केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 28 दिसंबर 2020 को भारत की पहली स्वदेशी न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (pneumococcal vaccine: PCV) न्यूमोसिल’ (Pneumosil) का उद्घाटन किया।
- इस ‘न्यूमोसिल’ टीके का विकास सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईआईपीएल) ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसे भागीदारों के सहयोग से किया है।
- टीके की खुराक की संख्या के लिहाज से सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी विनिर्माता है। सीरम इंस्टीट्यूट के टीके का उपयोग 170 देशों में किया जाता है और दुनिया में हर तीसरे बच्चे को इस विनिर्माता के टीके से प्रतिरक्षित किया जाता है।
- सीरम इंस्टीट्यूट का पहला स्वदेशी न्यूमोकोकल कंजुगेट टीका एकल खुराक (शीशी और सिरिंज) में और कई खुराक वाली शीशी में न्यूमोसिल ब्रांड नाम के तहत बाजार में सस्ती कीमत के साथ उपलब्ध होगा।
- वैक्सीन न्यूमोकोकल उस बैक्टीरियम को लक्षित करता है, जो निमोनिया के अलावा मेनिन्जाइटिस और सेप्सिस जैसी अन्य गंभीर बीमारियों के लिए जिम्मेदार है, और दुनिया भर में हर साल पांच साल से कम उम्र के बच्चों में लगभग चार लाख मौतें होने का अनुमान है।
- दुनिया भर में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के लिए निमोनिया सबसे बड़ा संक्रामक रोग है और दुनिया भर में इससे लगभग 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
- न्यूमोसिल का 5 रेंडमाइज्ड क्लीनिकल परीक्षण के जरिये व्यापक तौर पर मूल्यांकन किया गया है। इसे भारत और अफ्रीका की विविध आबादी के लिए लाइसेंस प्राप्त न्यूमोकोकल टीकों के मुकाबले सुरक्षित और प्रतिरक्षित पाया गया है। भारत और अफ्रीका में विभिन्न टीकाकरण कार्यक्रम के तहत वयस्कों, बच्चों और शिशुओं को न्यूमोसिल दिया गया था।