संसद ने 27 जुलाई नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 को पारित किया। इस विधेयक का उद्देश्य 90 साल से अधिक पुराने प्रकाश स्तम्भ अधिनियम 1927 को प्रतिस्थापित करना, सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं, तकनीकी विकास और नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता के क्षेत्र में भारत के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का समायोजन करना, विधायी ढांचे को उपयोगकर्ताओं के अनुकूल बनाना और व्यापार करने की आसान प्रक्रिया को बढ़ावा देना है।
केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस विधेयक को राज्यसभा में 19.07.2021 को पेश किया और 27 जुलाईइसे पारित कर दिया गया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास उनकी मंजूरी के लिए जाएगा।
यह नया अधिनियम भारतीय तटीयसीमा के अंतर्गत समुद्री नौचालन के लिए सहायता और पोत परिवहन सेवाओं के लिए व्यवस्थित और प्रभावी कामकाज की सुविधा प्रदान करेगा।
प्रकाश स्तम्भ अधिनियम 1927 के अधिनियमन के समय, तत्कालीन ब्रिटिश भारत में केवल 32 प्रकाश स्तम्भ थे, जो कि छह क्षेत्रों – अदन, कराची, बम्बई, मद्रास, कलकत्ता और रंगून – में फैले हुए थे। आजादी के बाद, 17 प्रकाश स्तम्भ भारत के प्रशासनिक नियंत्रण में आए। इनकी संख्या अब नौवहन उद्योग की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए कई गुना बढ़ गई हैं। वर्तमान में, उक्त अधिनियम के तहत 195 प्रकाश स्तम्भ और नौचालन के लिए कई उन्नत रेडियो और डिजिटल सहायता संचालित हैं।