कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर, ने दो परियोजनाओं का शुभारंभ किया-(i) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 3.0 के अंतर्गत एक विशेष पायलट परियोजना के रूप में कश्मीर के नामदा क्राफ्ट का पुनरुद्धार और (ii) पीएमकेवीवाई के घटक, पूर्व शिक्षा मान्यता (आरपीएल) के अंतर्गत कश्मीर के कारीगरों और बुनकरों का कौशल विकास।
- इन परियोजनाओं का उद्देश्य कश्मीर के पारंपरिक नामदा शिल्प को बढ़ावा देना और संरक्षित करना है और स्थानीय बुनकरों और कारीगरों को आरपीएल मूल्यांकन और प्रमाणन के माध्यम से उनकी उत्पादकता को बढ़ाने के लिए समर्थन प्रदान किया जाना है।
- नामदा परियोजना से कश्मीर के 6 जिलों (श्रीनगर, बारामुला, गांदरबल, बांदीपोरा, बडगाम और अनंतनाग) के 30 नामदा क्लस्टरों के 2,250 लोगों को लाभ प्राप्त होगा और आरपीएल पहल का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर के 10,900 कारीगरों और बुनकरों का कौशल विकास करना होगा।
- नामदा शिल्प सामान्य बुनाई प्रक्रिया के बदले भेड़ के ऊन से बना हुआ एक गलीचा है। कच्चे माल की उपलब्धता में कमी, कुशल जनशक्ति और विपणन तकनीकों के अभाव के कारण 1998 और 2008 के बीच इस शिल्प के निर्यात में लगभग 100 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
- इसलिए पीएमकेवीवाई के अंतर्गत इस विशेष परियोजना के माध्यम से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने इस लुप्तप्राय शिल्प को संरक्षित करने के लिए अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया है। इस परियोजना को प्रशिक्षण के 3 चक्रों में 25 बैचों में लागू किया जाएगा। प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम लगभग साढ़े तीन महीने का होगा, जिसके परिणामस्वरूप यह चक्र लगभग 14-16 महीनों में पूरा हो जाएगा
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