“नगर वन योजना” के कार्यान्वयन की घोषणा

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 के अवसर पर सरकार ने 5 जून 2020 को वन विभाग, नगर निकायों, गैर सरकारी संगठनों, कॉर्पोरेट्स और स्‍थानीय नागरिकों के बीच भागीदारी और सहयोग पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करते हुए अगले पांच वर्षों में देश भर में 200 शहरी वन विकसित करने के लिए “नगर वन योजना” (Urban Forest Scheme) के कार्यान्वयन की घोषणा की।

विश्व पर्यावरण दिवस (डब्‍ल्‍यूईडी) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। कोविड-19 महामारी के कारण जारी हालात के मद्देनजर मंत्रालय ने इस वर्ष के थीम नगर वन (शहरी वन) पर ध्यान केंद्रित करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन वर्चुअल रूप से किया।

शहरी वनों पर सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक विवरणिका का विमोचन और नगर वन योजना की घोषणा करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रीश्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये वन शहरों के फेफड़ों के रूप में काम करेंगे और मुख्य रूप से शहर की वन भूमि पर या स्थानीय शहरी निकायों द्वारा प्रस्तावित किसी अन्य खाली जगह पर होंगे। इस अवसर पर पुणे के वारजे शहरी वन को देश के बाकी हिस्सों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया ।

भारत में दुनिया का केवल 2.5 प्रतिशत भूखंड होने, उस पर मानव आबादी का 16 प्रतिशत होनेके साथ-साथ मवेशियों की आबादी और केवल 4 प्रतिशत ताजा जल स्रोत होने जैसे अनेक अवरोधों के बावजूद, दुनिया की 8 प्रतिशत जैव विविधता विद्यमान है;

भारत पशुओं और पौधों की कई प्रजातियों से समृद्ध जैव विविधता से संपन्न है और जैव-विविधता से युक्‍त 35 वैश्विक हॉटस्पॉट्स में से 4 का मेजबान है, जिनमें अनेक स्थानिक प्रजातियां मौजूदहै। हालांकिबढ़ती जनसंख्या, वनों की कटाई, शहरीकरण और औद्योगीकरण ने हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव डाल दिया है, जिससे जैव विविधता की हानि हो रही है। जैव विविधता इस ग्रह पर सभी जीवन रूपों के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है और विभिन्न पारिस्थितिकीय सेवाएं प्रदान करने की कुंजी है।

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