केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचन्द गेहलोत ने वर्चुअल रूप में दिव्यांगजन पुनर्वास पर 6 महीने का समुदाय आधारित समावेशी विकास कार्यक्रम (CBID) लॉन्च किया।
- दिव्यांगजन महत्वपूर्ण मानव संसाधन हैं और यदि उन्हें उचित सुविधाएं और अवसर प्रदान किए जाते हैं तो वे शिक्षा, खेलकूद, अभिनय कला/ललित कला जैसे क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम मेलबर्न विश्वविद्यालय के सहयोग से तैयार किया गया है।
- यह पाठ्यक्रम हमारे देश को दिव्यांगजनों के पुनर्वास और विकास के लिए प्रशिक्षित मानव शक्ति विकसित करने में सक्षम बना सकता है ताकि समाज में उनकी अधिकारिता और समावेश को सुनिश्चित किया जा सके।
- कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय स्तर पर जमीनी पुनर्वास कर्मियों का एक पूल बनाना है जो आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों के साथ दिव्यांगता से जुड़े विभिन्न विषयों का निपटान कर सकें और समाज में दिव्यांगजनों के समावेश में सहायक हो। कार्यक्रम इन कर्मियों के दक्षता आधारित ज्ञान और कौशल के आधार पर तैयार किया गया है ताकि सफलतापूर्वक अपना कर्तव्य निभाने में अपनी दक्षता बढ़ा सकें। इन कर्मियों को ”दिव्यांग मित्र“ कहा जाएगा।
- सीबीआईडी पाठ्यक्रम भारतीय पुनर्वास परिषद और मेलबर्न विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त प्रयास के रूप में किया गया है। ऐसा 22 नवंबर, 2018 को भारत और ऑस्ट्रेलिया सरकार के बीच दिव्यांगता के क्षेत्र में सहयोग के लिए किए गए समझौता ज्ञापन के अंतर्गत किया गया है।