भारत सरकार ने 9 फरवरी को भारत में कुछ अपवादों को छोड़कर ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालाँकि, ड्रोन घटकों (घटकों/उपकरणों) के आयात को सरकार द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया गया है क्योंकि यह ड्रोन के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना चाहता है।
- पूरी तरह से निर्मित (CBU), पूरी तरह से नॉक डाउन (CKD-यानि सभी गैर-असेम्बल पार्ट्स को गंत्वय स्थल पर असेम्बल करना) / सेमी नॉक डाउन (SKD) रूपों में किसी भी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- लेकिन रक्षा, सुरक्षा और अनुसंधान और विकास के उद्देश्यों के लिए ड्रोन आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
- सरकारी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास संस्थाओं को CBU, SKD और CKD में ड्रोन आयात करने की अनुमति होगी।
- अनुसंधान एवं विकास के लिए ड्रोन आयात करने के इच्छुक ड्रोन निर्माता भी इस मार्ग से ड्रोन आयात करने में सक्षम होंगे।
- छूट के तहत ड्रोन आयात करने वाले किसी भी व्यक्ति को मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। उन्हें विदेश व्यापार महानिदेशालय से आयात प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होगी जो संबंधित मंत्रालय के परामर्श के बाद प्रदान किया जाएगा।
- आयत प्रतिबंध, ड्रोन कंपोनेंट्स के आयात पर लागू नहीं होता है। इस कदम का उद्देश्य ड्रोन के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना है।
- BIS रिसर्च के अनुसार, वित्त वर्ष 2012 में लगभग 28.5 अरब डॉलर मूल्य के वैश्विक ड्रोन बाजार में भारत के ड्रोन बाजार का लगभग 4.25 प्रतिशत हिस्सा होने का अनुमान है।