केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिक मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 21 अक्टूबर 2020 को सीएसआईआर-एनसीएल पुणे में ईको-फ्रेंडली, कुशल और डीएमई द्वारा संचालित “अदिति उर्जा सांच” (Aditi Urja Sanch) यूनिट का उद्घाटन किया है।
- साथ ही भोजन पकाने के लिए घरेलू ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले डीएमई-एलपीजी मिश्रित विशेष बर्नर यूनिट भी लॉन्च किया गया। इसे आम लोगों और सीएसआईआर-एनसीएल (नेशनल केमिकल लेबोरेट्री) परिसर स्थित कैंटिन में ट्रायल के लिए सौंपा गया जिसका वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वर्चुअली उद्घाटन किया गया।
- डाइमिथाइल ईथर (डीएमई) एक अति स्वच्छ ईंधन है। सीएसआईआर-एनसीएल ने 20-24 किलोग्राम प्रतिदिन की क्षमता वाले स्वच्छ और किफायती ईंधन ‘डीएमई’ का पहला पायलट प्लांट विकसित किया है।
- पारंपरिक एलपीजी बर्नर डीएमई के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि डीएमई का घनत्व एलपीजी से अलग होता है। इस मसले को सुलझाने के लिए सीएसआईआर-एनसीएल के डीएमई द्वारा संचालित “अदिति उर्जा सांच” के ढांचे को तैयार किया गया।
- नया बर्नर पूरी तरह से डीएमई के एनसीएल द्वारा बनाया गया है जिसे डीएमई-एलपीजी मिश्रित और एलपीजी दहन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- नया डिज़ाइन डीएमई और डीएमई-एलपीजी के मिश्रण के लिए उपयुक्त है।
- डीएमई-एलपीजी का एक स्वच्छ खाना पकाने वाला ईंधन है जो महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित है।
- डीएमई प्रक्रिया प्रौद्योगिकी किफायती, लागत प्रभावी है। इसमें हिट एकीकरण इकाई है जो विशुद्ध रूप से डीएमई का उत्पादन करती है।
- सीएसआईआर-एनसीएल द्वारा विकसित इस तकनीकी में 20-24 किलोग्राम डीएमई उत्पादन की क्षमता है। सीएसआईआर-एफटीसी परियोजना के माध्यम से इसे प्रति दिन 0.5 टन तक बढ़ाया जाना है। पिछले साल सीएसआईआर-एनसीएल में डॉ. हर्षवर्धन डीएमआईआर पायलट प्लांट का उद्घाटन किया था।
CLICK HERE FOR BPSC, UPPCS, JPSC, MPPSC, RPSC, SSC, CDS, NDA CURRENT AFFAIRS HINDI MCQ