केंद्रीय वस्त्र, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में भारतीय तकनीकी वस्त्र संघ (आईटीटीए) के प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि तीन वर्षों में तकनीकी वस्त्रों (Technical Textiles) के निर्यात में पांच गुना वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
- उन्होंने कहा कि भारत में तकनीकी वस्त्रों के विकास ने पिछले 5 वर्षों में गति प्राप्त की है, जो वर्तमान में आठ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है। हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्षों के दौरान इस वृद्धि को 15-20 प्रतिशत तक ले जाने का है।
- श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान वैश्विक बाजार 250 अरब डॉलर (18 लाख करोड़) का है और इसमें भारत की हिस्सेदारी 19 अरब डॉलर है। भारत (8 प्रतिशत हिस्सेदारी) इस बाजार में 40 अरब डालर के साथ एक महत्वाकांक्षी भागीदार है। इसमें सबसे बड़े भागीदार अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, चीन और जापान (20 – 40 प्रतिशत की साझेदारी) हैं।
- उन्होंने कहा कि सांख्यिकीय दृष्टि से विकास के अलावा, हम विकास को उच्च प्रौद्योगिकी और स्वदेशी रूप से नवोन्मेषी उत्पादों की ओर ले जाएंगे। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने भारत को दुनिया में एक आत्मनिर्भर, जीवंत, निर्यात उन्मुख अर्थव्यवस्था बनाने के उद्देश्य से फरवरी 2020 में राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (National Technical Textiles Mission) शुरू किया।
- श्री गोयल ने बताया कि जनवरी 2019 में भारत में पहली बार तकनीकी वस्त्र के लिए 207 एचएसएन कोड जारी किए गए और दो साल से भी कम समय में भारत तकनीकी वस्त्र का शुद्ध निर्यातक बन गया है।
- तकनीकी वस्त्र ( Technical Textiles ), वस्त्र हैं,जिन्हें विशिष्ट अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त वांछित आउटपुट देने के लिए बनाया जाता है। मूल कच्चा माल जूट, रेशम और कपास जैसे प्राकृतिक रेशे हैं, लेकिन, अधिकांश अनुप्रयोग मानव निर्मित फाइबर का उपयोग करते हैं: पॉलिमर (अरामिड, नायलॉन), कार्बन, कांच और धातु। तकनीकी वस्त्र भविष्य की तकनीक हैं। यह अगली तकनीकी क्रांति होने जा रही है जो हमारे जीने और सोचने के तरीके को पूरी तरह से बदल देगी।
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