वित्तीय उत्पादों और सेवाओं में वृद्धि करने के उद्देश्य से, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) ने LIC और SEBI के पूर्व अध्यक्ष श्री जी.एन. वाजपेयी की अध्यक्षता में IFSCA से बीमा और पुनर्बीमा व्यवसाय को बढ़ाने के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करने हेतु एक बीमा समिति का गठन किया था। अपनी रिपोर्ट में IFSC को वैश्विक (आरई) बीमा केन्द्र के रूप में विकसित करने की दूरगामी सिफारिश की गई है। समिति की महत्वपूर्ण सिफारिशें इस प्रकार हैं:
- ने एयरक्राफ्ट लीजिंग और फाइनेंसिंग के लिए इको-सिस्टम विकसित किया है जिसका उपयोग आईएफएससी में एविएशन इंश्योरेंस हब और ट्रेड क्रेडिट इंश्योरेंस को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। साथ ही, संरक्षण और क्षतिपूर्ति क्लबों की सुविधा के माध्यम से शिपिंग उद्योग के लिए समान व्यवस्था लागू की जा सकती है।
- कैप्टिव बीमा मॉडल स्वयं के जोखिम को प्रबंधित करने के प्रभावशाली तरीकों में से एक है। विश्व स्तर पर, प्रमुख वित्तीय केंद्रों में कैप्टिव बीमा मॉडल के लिए अनुकूल नियामक व्यवस्था है इसलिए आईएफएससीए कैप्टिव के संचालन को सक्षम करने के लिए एक नया बुनियादी ढांचा विकसित कर सकता है।
- आईएफएससीए ने ग्लोबल इन-हाउस केंद्रों के लिए प्रारूप तैयार किया है जिसका उपयोग (आरई) बीमाकर्ताओं द्वारा बीमा के लिए सहायक सेवाएं प्रदान करने हेतु ग्लोबल इन-हाउस केन्द्र विकसित करने के लिए किया जा सकता है।
- निवेश प्रारुप को फिर से तैयार किया जा सकता है ताकि बीमाकर्ताओं को अपनी निधि को वित्तीय साधनों और उत्पादों को जुटाने के लिए और अधिक लाभ और लचीलेपन की पेशकश की जा सके।
- विश्व स्तर पर प्रीमियम वित्तपोषण प्रचलित है जो बीमा व्यवसाय के कुछ विशिष्ट क्षेत्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण चालक है। इसे आईएफएससी में पेश किया जा सकता है।
- वैश्विक बाजार के लिए उपलब्ध बीमा से जुड़ी प्रतिभूतियों, आपदा बांड और पैरामीट्रिक जोखिम हस्तांतरण जैसे वैकल्पिक जोखिम हस्तांतरण समाधान तैयार करना।
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