केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 27 अक्टूबर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए दो उत्कृष्टता केंद्रों (Centers of Excellence for Tribal Welfare) का शुभारंभ किया।
ये उत्कृष्टता केंद्र जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) और आर्ट ऑफ़ लिविंग (एओएल) के बीच सहयोग से शुरू किये जा रहे हैं।
पहला उत्कृष्टता केंद्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में गौ-आधारित कृषि तकनीकों के अनुरूप प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 जनजातीय किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए है। किसानों को जैविक प्रमाणन दिलाने में मदद की जाएगी और उनमें से प्रत्येक जनजातीय किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विपणन के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
दूसरा उत्कृष्टता केंद्र पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए है, जिसके तहत झारखंड के 5 जिलों के 30 ग्राम पंचायतों और 150 गांवों को कवर किया गया है।
इसके तहत पीआरआई के चुने हुए प्रतिनिधियों के बीच जनजातीय लोगों के लिए उपलब्ध विभिन्न जनजातीय अधिनियमों और नियमों के बारे में जागरूकता पैदा की जायेगी, जिससे ये प्रतिनिधि इन योजनाओं का लाभ जनजातीय लोगों को दिलाने में मदद कर सकेंगे।
जनजातीय युवकों को स्वयंसेवकों के रूप में व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण देकर, उनके बीच सामाजिक जिम्मेदारी की भावना पैदा करने और इस तरह से जनजातीय नेतृत्व तैयार करने के लिए यह मॉडल डिज़ाइन किया गया है। यह जनजातीय नेता अपने समुदाय में जागरूकता फैलाने के लिए काम करेंगे।
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