केंद्रीय ऊर्जा और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने 25 अक्टूबर 2021 को एक नया बाजार सेगमेंट ग्रीन डे अहेड मार्केट (GDAM) का शुभारंभ किया। जीडीएएम का शुभारंभ होने से हरित ऊर्जा बाजार को बढ़ावा मिलेगा और यह प्रतिस्पर्धी मूल्य संकेत प्रदान करेगा। इसके अलावा बाजार सहभागियों को अत्यंत पारदर्शी, लचीले, प्रतिस्पर्धी और सक्षम तरीके से हरित ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापार करने का अवसर प्रदान करेगा।
- बाजार आधारित प्रतिस्पर्धी कीमतें अक्षय ऊर्जा उत्पादकों को बिजली बेचने के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में तेजी लाने में भी मदद करेगी जोकि भारत को एक दीर्घकालिक और ऊर्जा सक्षम अर्थव्यवस्था बनाने की सरकार परिकल्पना के अनुरूप है।
- वितरण कंपनियां अपने क्षेत्र में उत्पादित अधिशेष अक्षय ऊर्जा को बेचने में भी सक्षम होंगी। बाध्यकारी संस्थाएं (वितरण लाइसेंसधारी, ओपेन एक्सेस उपभोक्ता और कैप्टिव बिजली उपभोक्ता) भी बिजली एक्सचेंज से सीधे हरित ऊर्जा खरीदकर आरपीओ लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होंगे। गैर-बाध्यकारी संस्थाएं स्वैच्छिक रूप से बिजली खरीद सकेंगी और हरित ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद करेंगी।
- जीडीएएम लागू होने से एक दूरगामी प्रभाव पैदा हो सकता है जिससे धीरे-धीरे पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) आधारित अनुबंध से बाजार-आधारित मॉडल में बदलाव देखने को मिलेगा जो कि अगले स्तर के बाजार का निर्माण करेगा और उसको बढ़ावा देगा तथा 2030 तक 450 गीगावाट हरित ऊर्जा क्षमता बनाने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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