गामा-किरण विस्फोट को देखने वाले खगोलविदों में भारतीय खगोलविद भी शामिल

खगोलविदों के एक समूह ने उच्च-ऊर्जा विकिरण के एक बहुत ही कम अवधि के ऐसे शक्तिशाली विस्फोट का पता लगाया है जो लगभग एक सेकंड तक हुआ और हमारे ब्रह्मांड की वर्तमान आयु की लगभग आधी दूरी से पृथ्वी की ओर दौड़ रहा था।

सुदूर अंतरिक्ष में एक विशाल तारे की मृत्यु के कारण हुआ यह सबसे छोटा गामा-रे विस्फोट (shortest gamma-ray burst: GRB) 26 अगस्त, 2020 को एनएएसए (नासा) के फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप द्वारा देखा गया था और यह जैसे रिकॉर्ड बुक के लिए ही निकला थाI

जीआरबी ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली घटनाएं हैं, जिनका पता अरबों प्रकाश-वर्षों में ही लग सकता है। खगोलविद उन्हें दो सेकंड से अधिक या कम समय तक चलने के आधार पर लंबे या छोटे के रूप में वर्गीकृत करते हैं। वे बड़े सितारों की मृत्यु के समय लंबे समय तक हुए विस्फोट का निरीक्षण करते हैं, जबकि छोटे विस्फोट को एक अलग परिदृश्य से जोड़ा गया है।

इस लघु अवधि में गामा रे बर्स्ट की पहचान करने वाले विश्व भर के वैज्ञानिकों के समूह में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक संस्थान, आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (एआरआईईएस) के डॉ. शशि भूषण पांडे सहित भारत के कई अन्य वैज्ञानिक संस्थान भी शामिल हैं।

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