केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने वर्चुअल माध्यम के जरिए 7 फ़रवरी, 2022 को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों की उपस्थिति में गहन मिशन इंद्रधनुष (Intensified Mission Indradhanush: IMI) 4.0 की शुरुआत की।
- भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम संचालित कर रहा है, जिसमें सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत हम हर साल 3 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ बच्चों को कवर करते हैं।
- गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तीन राउंड (दौर) होंगे और यह देश के 33 राज्यों/केंद्र शासितप्रदेशों के 416 जिलों (आजादी का अमृत महोत्सव के लिए चिन्हित 75 जिलों सहित) में संचालित किया जाएगा।
- अब तक देश के 701 जिलों को कवर करते हुए मिशन इंद्रधनुष के दस चरणों को पूरा किया जा चुका है। अप्रैल 2021 तक मिशन इंद्रधनुष के विभिन्न चरणों के दौरान कुल 3.86 करोड़ बच्चों और 96.8 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
- राष्ट्रीय स्तर पर तपेदिक डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, रोटावायरस डायरिया, हेपेटाइटिस बी, दिमागी बुखार और निमोनिया के टीके उपलब्ध हैं। इसके अलावा न्यूमोकोकल निमोनिया तथा जापानी एनसेफलाइटिस से बचाव के टीके भी लगाए जा रहे हैं।
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP)
- भारत में टीकाकरण कार्यक्रम को वर्ष 1978 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने ‘टीकाकरण/प्रतिरक्षण (ईपीआई) के विस्तारित कार्यक्रम’ के रूप में शुरू किया गया था।
- यह विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है।
- वर्ष 1985 में टीकाकरण कार्यक्रम को ‘सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम’ (यूआईपी) के रूप में संशोधित किया गया, ताकि वर्ष 1989 से वर्ष 1990 तक देश के सभी जिलों को कवर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जा सके।