खोये हुए मोबाइलों का पता लगाने के लिए केन्‍द्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर की शुरुआत

केन्‍द्रीय संचार, विधि और न्‍याय तथा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने 30 दिसंबर 2019 को खोये हुए मोबाइलों का पता लगाने के लिए दिल्‍ली के ग्राहकों के लिए ‘केन्‍द्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर (Central Equipment Identity Register: CEIR )’ नाम के एक वेब पोर्टल (www.ceir.gov.in) की शुरुआत की.

देश में फोनों की संख्‍या 100 की आबादी के पीछे 242 मोबाइल हो गई है और मोबाइल हैंडसेट रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का जरिया बन चुका है। इसलिए मोबाइल को एक प्रणाली के साथ सुरक्षित करना समय की मांग है। अंतर्राष्‍ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान ( International Mobile Equipment Identity: IMEI ) मोबाइल फोन की एक अनोखी पहचान है। आईएमईआई प्रोग्राम किया हुआ होने के कारण कुछ अपराधी आईएमईआई संख्‍या को दोबारा प्रोग्राम कर लेते हैं, जिसके परिणामस्‍वरूप उसी आईएमईआई संख्‍या के साथ अनेक उपकरणों की आईएमईआई की क्‍लोनिंग हो जाती है। आज की तारीख में नेटवर्क में क्‍लोन/डुप्‍लीकेट आईएमईआई हैंडसेट के अनेक मामले हैं।

यदि ऐसे आईएमईआई को ब्‍लॉक कर दिया जाए, तो समान आईएमईआई के साथ हैंडसेट होने के कारण बड़ी संख्‍या में मोबाइल फोन ब्‍लॉक हो जाएंगे, जिससे अनेक ग्राहकों को असुविधा होगी। अत: नेटवर्क से डुप्‍लीकेट/फर्जी आईएमईआई मोबाइल फोनों को हटाने की आवश्‍यकता है। केन्‍द्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर (सीईआईआर) प्रणाली नाम की इस परियोजना को दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट की दोबारा प्रोग्रामिंक सहित सुरक्षा, चोरी और अन्‍य चिंताओं को दूर करने के लिए हाथ में लिया है।

दिल्‍ली में परियोजना की शुरुआत से यह आसान होगा:

  • चोरी अथवा खोये हुए मोबाइल फोन को ब्‍लॉक कराने का ग्राहकों का अनुरोध।
  • मोबाइल नेटवर्क पर ऐसे मोबाइल फोनों को ब्‍लॉक कराना।
  • समान आईएमईआई नंबर के साथ मोबाइल फोन वाले अन्‍य वर्तमान ग्राहकों के लिए सेवाओं की अनुमति।
  • मोबाइल का पता लग जाने की तारीख को पुलिस अधिकारियों के साथ साझा करना।
  • चोरी अथवा खोये हुए मोबाइल फोनों के बरामद होने पर उन्‍हें खोलना।

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