- भारतीय शोधकर्ताओं ने पाया है कि सतह-संशोधित इलेक्ट्रोड का उपयोग करके विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) के माध्यम से प्रयुक्त फिनोल को 1,4 – हाइड्रोक्विनोन (1,4 hydroquinone) में कुशलता से बड़े पैमाने पर परिवर्तित करने के बाद उसका उपयोग खाद्य परिरक्षकों (फूड प्रिजर्वेटिव्स), औषधियों (फार्मास्यूटिकल्स), रंजक (डाइज) एवं, बहुलकों (पॉलिमर) के निर्माण के लिए किया जा सकता है।
- भारत वर्तमान में फिनोल को 1,4 – हाइड्रोक्विनोन में बदलने के लिए कुशल प्रक्रियाओं के अभाव के चलते भारी लागत पर 1,4 – हाइड्रोक्विनोन का आयात करता है।
- फिनोल और इसके ऑक्सीकृत उत्पाद जैसे 1,4 – हाइड्रोक्विनोन, कैटेचोल, या रिसोरसिनॉल ऐसे महत्वपूर्ण और प्राथमिक निर्माण घटक (बिल्डिंग ब्लॉक) हैं जिनका उपयोग कई औषधीय और औद्योगिक रूप से उपयोग किए जाने वाले कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में किया जाता है।
- विशेष रूप से 1,4 हाइड्रोक्विनोन जैसे उत्पादों का उपयोग खाद्य परिरक्षकों (प्रिजर्वेटिव्स), औषधियों (फार्मास्यूटिकल्स), रंजक (डाई), बहुलक (पॉलिमर) आदि के निर्माण में मध्यवर्ती के रूप में किया जाता है।