केरल में निपाह वायरस का मामला

केरल के कोझीकोड जिले में निपाह वायरस का एक मामला सामने आया है। केरल के कोझीकोड जिले से 3 सितंबर 2021 को एन्सेफलाइटिस और मायोकार्डिटिस के लक्षण के साथ 12 साल के एक लड़के में निपाह वायरस का एक संदिग्ध मामला सामने आया था। लड़का अस्पताल में भर्ती था और उसकी मौत हो गई।

  • यह वायरस चमगादड़ों की लार से फैलता है।
  • गौरतलब है कि 2018 में भी केरल के कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस का प्रकोप हुआ था।

निपाह एक जूनोटिक वायरस

  • निपाह एक जूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। संचरण मुख्य रूप से संक्रमित भोजन के सेवन से होता है। मानव-से-मानव संचरण भी संभव माना जाता है।
  • इस वायरस के लिए होस्ट भंडार को फ्रूट बैट के रूप में जाना जाता है, जिसे आमतौर पर फ्लाइंग फॉक्स के रूप में जाना जाता है।
  • फ्रूट चमगादड़ इस वायरस को अन्य जानवरों जैसे सूअर, कुत्तों, बिल्लियों, बकरियों, घोड़ों और भेड़ों में भी प्रसारित करने के लिए जाने जाते हैं।
  • मनुष्यों के बीच निपाह वायरस का पहला प्रकोप मलेशिया (1998) और सिंगापुर (1999) से दर्ज किया गया था। इस वायरस का नाम मलेशिया के उस गांव से लिया गया है जहां जिस व्यक्ति में वायरस को सबसे पहले आइसोलेट किया गया था, उसकी बीमारी से मौत हो गई थी।
  • मनुष्य मुख्य रूप से इन जानवरों के सीधे संपर्क में आने से या इन संक्रमित जानवरों के लार या मूत्र से दूषित भोजन के सेवन से संक्रमित हो जाता है।

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