केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने ग्लासगो में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन देशों के बेसिक समूह (BASIC) की ओर से बयान दिया।
- उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भले ही सीओपी26 (COP26) में एक साल की देरी हो गई हो, लेकिन पार्टियों (देशों) ने पहले ही अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है और इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि सीओपी26 में पेरिस समझौते की नियम पुस्तिका का निष्कर्ष निकाला जाए।
- पर्यावरण मंत्री ने कहा, “विकसित देश न केवल 2009 के बाद से हर साल विकासशील देशों को प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर का सहयोग देने के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहे हैं, बल्कि वे 2009 के लक्ष्य को 2025 तक अपनी अधिकतम सीमा के रूप में प्रस्तुत करना जारी रखे हुए हैं। एक संदर्भ में जहां बेसिक देशों सहित विकासशील देशों ने 2009 के बाद से बड़े पैमाने पर अपने जलवायु कार्यों को आगे बढ़ाया है, यह अस्वीकार्य है कि अभी भी विकसित देशों की ओर से जलवायु वित्त सहायता पर कार्यान्वयन के सक्षम साधनों को लेकर ऐसा कोई संकल्प नजर नहीं आता है।”