वर्ष 2011 में, सुदूर स्थित सुपरनोवा के अवलोकनों के जरिए ब्रह्मांड के अभूतपूर्व तेज गति से फैलने के बारे में पता लगाने के लिए तीन वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। लेकिन अब भारतीय खगोलविदों की एक टीम ने इस तरह के सुपरनोवा का अवलोकन करके ऐसे सुपरनोवा के विस्फोट के संभावित तंत्र के बारे में पता लगाया है, जोकि ब्रह्मांड संबंधी दूरियों की प्रमुख माप की जानकारी प्रदान करते हैं।
- एसएन 2017एचपीए (SN 2017HPA) नाम के एक सुपरनोवा, जोकि एक विशेष प्रकार का सुपरनोवा है और जिसे आई ए सुपरनोवा कहा जाता है और जिसमें 2017 में विस्फोट हो गया, के बारे में इन खगोलविदों के विस्तृत अध्ययन ने शुरुआती चरण के स्पेक्ट्रा में बिना जले हुए कार्बन के अवलोकनों के जरिए सुपरनोवा के विस्फोट तंत्र के बारे में पता लगाने में मदद की।
- सुपरनोवा के रूप में एक तारे की विस्फोटक अंत ब्रह्मांड की सबसे विलक्षण और भयावह घटनाओं में से एक है। टाइप आई ए सुपरनोवा उन व्हाइट ड्वार्फ के विस्फोटों का नतीजा हैं जो अपना द्रव्यमान पदार्थ के उपचय के जरिए चंद्रशेखर सीमा से अधिक कर लेते हैं।