फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force: FATF) ने 19 से 21 फरवरी के बीच पेरिस में आयोजित बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाय रखा है। उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल होने से बचने के लिए 27 प्वाइंट दिये गए हैं जिस पर कदम उठाना है।
संस्था ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह आतंकवादी संगठनों को धन उपलब्ध कराने से बाज़ नहीं आया तो उसके खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जायेगी। संस्था ने कहा कि पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया कराने के बारे में जो 27 निर्देश दिये गये थे उनमें से उसने सिर्फ कुछ का ही पालन किया है।
एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान को इस वर्ष जून तक अपनी कार्रवाई पूरी कर लेनी होगी। यदि वह ऐसा नहीं कर पाता है तो इस बात की पूरी संभावना है कि उसे उत्तरी कोरिया और ईरान के साथ काली सूची में डाल दिया जायेगा।
फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ)
- फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की स्थापना मनी लॉन्ड्रिंग रोकने हेतु जी-7 देशों द्वारा 1989 में की गई थी। आरंभ में इस संगठन को विधायी, वित्तीय एवं विधि प्रवर्त्तन गतिवितधियों पर निगरानी का दायित्व सौपा गया था परंतु 9/11 आतंकवादी हमला के पश्चात आतंकवाद वित्तीय पर निगरानी का दायित्व भी इसे सौप दिया गया ।
- यह एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसका उद्देश्य विधायी, वित्तीय विधि प्रवर्त्तन व आतंकवाद वित्तीयन गतिवितधियों पर निगरानी हेतु मानकों की स्थापना करना है। इस तरह एक प्रकार से यह नीति निर्मात्री निकाय है।
- एफएटीएफ प्लैनरी इसका निर्णयन निकाय है और प्रत्येक तीन वर्षों पर इसकी बैठक होती है।
- इसका सचिवालय ओईसीडी पेरिस में स्थित है। फरवरी 2020 में इसके कुल 39 सदस्य है जिनमें भारत भी शामिल है परंतु पाकिस्तान इसका सदस्य नहीं है।
- इसकी दो सूचियां हैंः ग्रे लिस्ट व ब्लैक लिस्ट। ग्रे लिस्ट, ब्लैक लिस्ट में शामिल करने से पूर्व चेतावनी होती है ताकि कोई देश उचित कदम उठा सके।
- अभी तक केवल दो देशों ईरान व उत्तर कोरिया को ब्लैक सूची में शामिल किया गया है। काली सूची में शामिल होने के पश्चात किसी देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय कारोबार करना मुश्किल हो जाता है।