उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 12 फरवरी को घोषणा की कि भाजपा सत्ता में आने पर राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code: UCC) का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाएगी।
अनुच्छेद 44 और समान नागरिक संहिता
- कई विशेषज्ञों के अनुसार राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) में संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता की घोषणा एक सकारात्मक दायित्व के रूप में उभरती है, न कि राज्य के कर्तव्य के रूप में।
- अनुच्छेद 44 कहता है “राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुरक्षित करने का प्रयास करेगा”।
संविधान के अनुसार क्या है राज्य (State) ?
- संविधान का अनुच्छेद 12 संघ और राज्य सरकारों , संसद और राज्य विधानमंडलों और यहां तक कि स्थानीय प्राधिकारों को “राज्य” की परिभाषा में शामिल करता है।
संविधान की सातवीं अनुसूची
- इसके अलावा, संविधान की सातवीं अनुसूची में समवर्ती सूची की प्रविष्टि पांच संघ और राज्यों, दोनों को विवाह, तलाक, शिशुओं, नाबालिगों, गोद लेने, वसीयत और उत्तराधिकार पर कानून बनाने का अधिकार देती है।
- समान नागरिक संहिता वाला गोवा एकमात्र राज्य
- गोवा एकमात्र राज्य है जहां समान नागरिक संहिता लागू है।
- गोवा का पुर्तगाली नागरिक संहिता 1867 राज्य में प्रचलित एक समान परिवार कानून का एक उदाहरण है।
जोस पाउलो कॉटिन्हो मामला, 2019
- वर्ष 2019 में जोस पाउलो कॉटिन्हो के फैसले ने सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वास्तव में, गोवा ” भारतीय राज्य का ऐसा एक चमकदार उदाहरण” है, जिसमें एक समान नागरिक संहिता लागू है।